नई दिल्ली ( ब्यूरो कार्यालय) /- डॉ जगन्नाथ मिश्रा का संपूर्ण जीवन राष्ट्रवाद की प्रेरणा से संचारी था जिन्होंने अपने जीवन की समस्त महत्वाकांक्षाओं को मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया था यही कारण है कि वह भारत के राजनीतिक धरातल पर अनेक विचारधाराओं के बीच एक सफल राजनेता का गौरव स्थापित किया है और यह उनके पूर्वजों के महान संस्कारों से मिली विरासत का प्रतिफल था उन्हें अपनी हृदय से गहराइयों से उनके चरणों पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए यह उद्धगार विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रसिद्ध चिकित्सक एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने गया बिहार स्थित डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बगीचा में डॉ जगन्नाथ मिश्रा जी के पुण्यतिथि के अवसर पर आभासीय बैठक को संबोधित करते हुए प्रकट किया।
इस अवसर पर जिन प्रमुख लोगों ने अपने विचार प्रकट किया उनमें से बिहार के सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ने कहा कि.सन 1973 में प्राथमिक तथा 1982 में माध्यमिक विद्यालयों को राजकीयकृत का दर्जा देकर शिक्षकों, कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया और शिक्षा जगत में अभूतपूर्व मिसाल कायम किया। उच्च शिक्षा में भी कतिपय सुधार किए। शिक्षक उनके चरणों में श्रद्धा से नत हैं।
कई सामाजिक संगठनों से जुड़े समाज सेवी कवित्री रानी मिश्रा ने कहा कि सामाजिक जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां कर्मवीर डॉ0 जगन्नाथ मिश्रा के एक से बढ़कर एक कार्यों का उज्जवल प्रकाश न फैला हो। बिहार राजद के वरिष्ठ नेत्री रूबी देवी ने उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का विस्तार से चर्चा किया तथा कहा कि वे एक महान राजनेता थे। खासकर युवाओं को इनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी। मगध विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ0 बी एन पांडेय ने कहा कि दशको से उपेक्षा का दंस झेल रहे शिक्षा विभाग एवं शिक्षकों को संजीवनी प्रदान करने वाले बिहार के प्रथम राजनेता का श्रेय उन्हें ही प्राप्त हुआ है। बिहार के जाने माने शिक्षाविद मगध विश्वविद्यालय के पूर्व विभागध्यक्ष प्रो0 उमेश चंद्र मिश्र शिव ने कहा कि काश डॉक्टर साहब को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का मौका मिला होता तो बिहार की तकदीर और तस्वीर आज दोनों बदली होती। भाजपा के वरिष्ठ नेता अधिवक्ता सिद्धनाथ मिश्र ने कहा की डॉक्टर साहब के पदचिह्नो पर चलकर ही बिहार का सर्वांगीण विकास संभव है। प्रसिद्ध समाज सेवी शक्ति मिश्रा ने कहा कि डॉ0 साहब अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व से सुदूर गांव से लेकर बिहार के कोने-कोने में आज भी चर्चाओं में हैं, वह सदैव अमर रहेंगे।
इसके अलावे जिन प्रमुख लोगों ने अपने विचार प्रकट की है उनमें राजीव नयन पांडे बृजेश राय अधिवक्ता याहिया खां अधिवक्ता राशिद मोहम्मद सद्दाम हुसैन सुबी नगमतिया मोहम्मद इरशाद तरन्नुम रंजीत पाठक पवन मिश्रा अधिवक्ता दीपक पाठक अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पाठक विश्वजीत चक्रवर्ती मुन्ना पाठक अधिवक्ता नीलम पासवान फूल कुमारी यादव पुष्पा गुप्ता शंभू गिरी नीरज वर्मा किरण पाठक प्रोफेसर संगीता लक्ष्मी देवेंद्र कुमार पाठक जितेंद्र मिश्रा अशोक दुबे गुप्तेश्वर ठाकुर प्रोफेसर रीना सिंह,रवि भूषण पाठक,रमा शंकर मिश्र, रिषीकेश गुरदा , सुनील कुमार,प्रो0अशोक कुमार ,प्रो0भूपाल रजक, सतेन्द्र यादव,आचार्य अभय पाठक,आचार्य सुरेश मिश्र ंअलावे कई लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट: डाॅं0ज्ञानेश भारद्वाज
